कितना सच है कि अगर आप अपने काम से प्यार करते हैं तो वो कभी काम जैसा नहीं लगता लेकिन कभी कभी हम ये जानते ही नहीं की हम किस काम के लिए बने है और इसलिए हम में से कई लोग अपने काम को लेकर चिंतित रहते हैं, ये चिंता कई कारणों से हो…
Author: anandkosh
हर किसी ने प्यार की अपनी परिभाषा गढ़ी है
हर किसी ने प्यार की अपनी परिभाषा गढ़ी है, वैसी ही सुनाते हैं जिसने जैसी कहानी पढ़ी है। शब्दों की मानो तो प्यार फ़क़त एक जज़्बात है, वो प्यार, प्यार क्या, जो शब्दों की मोहताज़ है। दिल के धड़कन से बँधे साँसों की कोई लड़ी है, हर किसी ने प्यार की अपनी परिभाषा गढ़ी है।…
पहली नज़र का प्यार
पहली नज़र का प्यार, नहीं होता है बार बार, कभी आँखों में जा बसे, कभी हो जाता है दिल के आर पार। कभी एक लम्हा भर लगे, कभी उम्र भर का इंतज़ार। पहली नज़र का प्यार, नहीं होता है बार बार। कभी उनके होने का एहसास, जैसे बैठे हों वो मेरे पास, कभी रातों की…
माधव का दिल
एक बार माधव को कुछ बेचैनी सी महसूस हुई, कई दिन तक उसे जब ठीक नहीं लगा तो वो वैध के पास गया। वैध के पूछने पर उसने बताया की उसे अंदर से बेचैनी लग रही है। कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा। किसी काम में भी मन नहीं लगता। कोई इलाज बताइए, उसने वैध…
यहाँ हर रिश्ते की बुनियाद ही स्वार्थ है
नित्य कहता हूँ कड़वा है पर परमार्थ है, यहाँ हर रिश्ते की बुनियाद ही स्वार्थ है। यहाँ हर एक का दुसरे से तब तक ही चलता है, जबतक जिसका जिससे जितना हित निकलता है। रिश्तों की मंडी में लेन देन ही असल कृतार्थ है, यहाँ हर रिश्ते की बुनियाद ही स्वार्थ है। कुछ दोस्त बनकर…
तो कितना अच्छा होता
ज़िन्दगी की राह में प्यार की बरसात न हुई होती तो कितना अच्छा होता, चलते चलते यूँ उनसे मुलाक़ात न हुई होती तो कितना अच्छा होता, उनसे मिलते ही अकेलेपन से ये कैसा रिश्ता सा जुड़ गया है, इस अकेलेपन से इस रिश्ते की शुरूआत न हुई होती तो कितना अच्छा होता। शाम बीत जाती…
ललकार
क्या हुआ जो सूरज ने गर्म आग बरसाए हैं,
क्या हुआ जो काले बादल आँधी बनकर आए हैं,
खड़े पड़े डट सीना ताने ज़ोर लगा ले जितना है,
चट्टान कहाँ हिला पाया ताक़त जो तुझमें इतना है।
मेरे आँखों का खारा पानी देख तू क्यों इठलाता है,
तुझे ज्ञान नहीं सागर का जिसका पानी खारा होता है।
इस खारे पानी में ना जाने कितने जीवन बसते हैं,
पता जिन्हें है इस बारे में वो आँसू पीकर हँसते हैं।
-आनन्द